
हर समाज के लिए विचारणीय:🙏
(1) आज काफी लड़कियों के माँ- बाप अपनी बेटियों की शादी में बहुत विलंब कर रहे हैं उनको अपने बराबरी के रिश्ते पसंद नहीं आते और जो बड़े घर पसंद आते हैं उनको लड़की पसंद नहीं आती,
शादी की सही उम्र 20 से 25 होती है।
आज माँ-बाप ने और अच्छा करते-करते उम्र 30 से 36 कर दी है,
जिससे उनकी बेटियों के चेहरे की चमक भी कम होती जाती है,
और अधिक उम्र में शादी होने के उपरांत वो लड़का उस लड़की को वो प्यार नहीं दे पाता जिसकी हकदार वो लड़की है किसी भी समाज में 30% डिवोर्स की वजह यही दिखाई दे रही है,
आज जीने की उम्र छोटी हो चुकी है,पहले की तरह 100+ या 80+ नहीं होती।
अब तो केवल 65+ तक जीने को मिल पायेगा,
इसी वजह से आज लड़के उम्र से पहले ही बूढ़े नजर आते हैं,सर गंजा हो जाता है।
(2)आज ज्यादातर लड़की वाले लड़के वालों को वापस हाँ /ना का जवाब नहीं दे रहे हैं,
संभवत: कुछ लोग मन में आपको बुरा-भला बोलते होंगे।
आप अपनी लाडली का घर बसाने निकले हैं,
किसी का अपमान करना अच्छा नही होता।
कृपया आप लड़के वालों से सम्मान जनक जरूर बात करें।
(3) कुंडली मिला के जिन्होंने भी रिश्ते किये,
आज उनके भी रिश्ते टूटे हैं,
फिर आप लोग क्यों कुंडली का जिक्र कर के रिश्ता ठुकरा देते हैं।
इतिहास गवाह है,
हमारे पूर्वजों ने शायद कभी कुंडली नहीं मिलाई और सकुशल अपनी शादी की 75 वीं सालगिरह तक मनाई आप कुंडली को माध्यम बनाके बच्चों को घर में बिठा के रखे हैं।
उमर बढ़ती जा रही है,
आता-जाता हर यार-दोस्त-रिश्तेदार सवाल कर जाता है,
कब कर रहे हो शादी..?
आपसे 10 वर्ष कम आयु के लोगों को 8 साल के बच्चे भी हो गए आप 32-35 में शादी करेंगे तो आपके बच्चों की शादी के वक्त आप अपने ही बच्चों के दादा- दादी नजर आएंगे।
(4) आप घर कैसा भी चयन करें!
लड़की का भाग्य उसके पैदा होने से पहले ही भगवान ने लिख दिया है।
भाग्य में सुख लिखे हैं तो अंधेरे घर में भी रोशनी कर देगी और दुख लिखे हैं तो पैसे वाले भी डूब जाते हैं।
(5) अंतिम में बस इतना ही कहना है कि अपने बच्चों की उम्र बर्बाद ना करें,
गयी उम्र लौट कर नहीं आती,
दूसरों को देख कर अपने लिए भी वैसा ही रिश्ता देखना मूर्खता है आप अपने बच्चों की बढ़ती उम्र के दुख को समझिए रिश्ता वो करिये,
जिस में लड़के वालों में लालच ना हो।
लड़का संस्कारी हो,
जो आपकी बेटी को प्यार करे,
उसकी इज्जत करे। उम्र बहुत छोटी है ।
आप इतने जमीन-जायदाद देख कर क्या कर लेंगे ?
कौन अपने साथ एक तिनका भी ले जा पाया है !
बच्चों की बाकी उम्र उनके जीवन साथी के साथ जीने दीजिये।
समय बहुत बलवान है।
आज की लड़कियाँ पढ़ी-लिखी हैं,
वो अपने परिवार के साथ कुछ अच्छा तो कर ही सकती हैं।
(6) अपनी लड़कियों के लिए साधन संपन्न घर में रिश्ता तलाशने की बजाय संस्कारी घर में तलाश करें।
योग्यता होगी तो साधन सम्पन्न वे खुद हो जाएंगे और सही मायने में तभी उसकी कद्र करेंगे
(7) यदि कन्या वाले मध्यम वर्गीय परिवार से हैं तो अपने बीच के परिवार से ही रिश्ता करिये,
आपकी लड़की अपना भाग्य खुद सँवार लेगी,
योग्यता और संस्कार के बूते ।
गहरे मन से विचार करें।
जरूर आपको एक उम्मीद की रोशनी दिखेगी,
और रिश्तों की राह आसान हो जाएगी l
अगर आपकी बेटी के भाग्य में सुख है तो मिलेगा अगर नहीं तो कितने भी अमीर घराने में शादी करो वो कभी खुश नहीं रह सकती
#हर_बेटी_मेरी
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