जयमाल के बाद दुल्हन का शादी से इनकारः वाराणसी में पिता का अपमान देख पुलिस बुलाई; बोली- लालची से शादी नहीं करूंगी
वाराणसी के एक शादी का लॉन काफी खूबसूरती से सजा था। मेहमानों की भीड़ लगी थी।
बाराती घराती खाना खा रहे थे।
दूल्हा भी द्वारचार के बाद जयमाल के स्टेज पर पहुंच गया था।
सजी-धजी दुल्हन डांस करते हुए स्टेज की तरफ बढ़ी।
थोड़ी ही देर में दुल्हन जयमाल के स्टेज पर पहुंच गई।
लेकिन, तभी दूल्हा और उसकी मां बिगड़ गई।
दोनों दहेज के 25 हजार रुपए तुरंत देने की मांग करने लगे।
जब किसी तरह से बात नहीं बनी, तो दुल्हन के पिता ने एक रिश्तेदार से उधार लेकर रुपए दूल्हे की मां को दिए।
तब जाकर दूल्हे ने दुल्हन को जयमाल पहनाया।
जयमाल के बाद दूल्हा-दुल्हन और उनके कुछ खास रिश्तेदार खाना खाने बैठे।
तभी दूल्हे की मां ने खाना खा रहे लोगों को लिफाफा (रुपए) देने की डिमांड कर दी।
इस पर दुल्हन के पिता ने लिफाफा देने से मना कर दिया।
इसको लेकर बात ज्यादा बढ़ गई।
इसके बाद दुल्हन ने खुद ही शादी करने से इनकार कर दिया, साथ ही पुलिस को भी फोन कर दिया।
यह सब शिवपुर के बसही स्थित मंगल मंडपम में हुआ।
जो दुल्हन जयमाल के लिए डांस करते आई, वो
नई बस्ती पांडेपुर में चांदनी जायसवाल रहती है।
चांदनी ने काशी विद्यापीठ से म किया है।
उसकी शादी भदोही के सुरियावा में रहने वाले रोहित जायसवाल से तय हुई थी।
रोहित मुंबई में प्राइवेट जॉब करता है।
मुंबई में उसका फ्लैट भी है।
दोनों की शादी 23 नवंबर को थी।
दुल्हन ने स्वागत में डांस भी किया
रविवार शाम पहले जनवासे में बारात आई।
वहां नाश्ता-पानी करने के बाद बाराती बैंड-बाजे के साथ नाचते हुए मंगल मंडपम की तरफ बढ़े।
वहीं, दुल्हन बनी चांदनी भी लहंगा-लाल चुनरी पहने और हथेलियों पर मेहंदी रचाए अपने होने वाले दूल्हे का बेसब्री से इंतजार कर रही थी।
थोड़ी ही देर में बारात बैंड-बाजे के साथ दरवाजे पर पहुंची। इसके बाद द्वारचार हुआ।
फिर जयमाल का कार्यक्रम शुरू हुआ।
दुल्हन हाथ में जयमाल लिए डांस करते स्टेज पर पहुंची।
लेकिन, दूल्हे ने जयमाल डालने से मना कर दिया।
कारण पूछा गया तो सामने आया कि दूल्हे और उसके परिवार को दहेज में तय 2 लाख रुपए में से 25 हजार रुपए की बकाया राशि चाहिए थी।
इस पर दुल्हन के पिता राजेंद्र प्रसाद जायसवाल ने दूल्हे को समझाने की बहुत कोशिश की।
साथ ही भरोसा दिया कि बकाया 25 हजार दे देंगे।
लेकिन, दूल्हे की मां और बाकी घरवाले किसी भी तरह से मानने को तैयार नहीं थे।
इस पर राजेंद्र जायसवाल ने एक रिश्तेदार से कर्ज लेकर तुरंत 25 हजार रुपए दूल्हे की मां को दिए।
तब जाकर दूल्हे ने दुल्हन को जयमाल पहनाया।
खाने के वक्त फिर बढ़ा बवाल
दुल्हन के पिता राजेंद्र प्रसाद जायसवाल ने बताया- जयमाल के समय 25 हजार रुपए देने के बाद लग रहा था कि अब सब सामान्य हो जाएगा।
लेकिन, दूल्हे वालों का रवैया यहीं नहीं थमा।
खाना खाने के समय दूल्हे वालों ने अपने मेहमानों के लिए लिफाफे (रुपए) देने की मांग शुरू कर दी।
इसके साथ ही वे हम लोगों को बार-बार अपमानित करने लगे। मेरी बेइज्जती होने पर बेटी चांदनी पिता टूट गई।
वह फूट-फूटकर रोने लगी।
इसके बाद चांदनी ने ने फैसला किया कि वह अब यह शादी नहीं करेगी।
इसके बाद उसने पुलिस को फोन कर दिया।
दूल्हा पहुंचा थाने, दुल्हन ने मांगा इंसाफ
सूचना मिलते ही शिवपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची।
दूल्हे को उसके परिवारवालों के साथ थाने ले गई।
दूल्हे के खिलाफ दहेज उत्पीड़न और अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उसे हवालात में डाल दिया गया।
दुल्हन ने साफ कहा कि वह ऐसे परिवार में शादी कर अपना जीवन बर्बाद नहीं कर सकती।
अब दुल्हन वाले शादी पर हुए पूरे खर्च की भरपाई की मांग कर रहे हैं।
पिता बोले- दूल्हे पक्ष की डिमांड ने मेरे परिवार को तोड़ दिया पिता राजेंद्र प्रसाद जायसवाल ने कहा- मैंने मेहनत-मजदूरी कर, सब्जी बेचकर बेटी को पढ़ाया-लिखाया।
उसकी शादी धूमधाम से करने का सपना
देखा था।
लेकिन, दूल्हे वालों की डिमांड और दुर्व्यवहार ने मेरे परिवार को तोड़कर रख दिया।
वहीं, दुल्हन चांदनी ने कहा- मेरे पिता अब तक शादी पर करीब 15 लाख रुपए खर्च कर चुके हैं।
लेकिन, लड़के वालों की मांग कम ही नहीं हुई।
इसके बाद मैंने शिवपुर थाना पुलिस को एप्लिकेशन देकर दूल्हे और उसके परिवार पर मुकदमा दर्ज कराया है।
लोग दुल्हन के इस साहसिक कदम की सराहना कर रहे हैं कि उसने गलत का विरोध किया और अपने पिता की इज्जत के लिए खड़े होकर दहेजखोरों को कानून के हवाले कर दिया।
वहीं, शिवपुर के थाना इंचार्ज वीरेंद्र सोनकर ने बताया कि दोनों पक्षों से बातचीत की जा रही है।
दुल्हन ने इस पूरे मामले की शिकायत की है। शिकायत के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जा रही।

