ट्रेनिंग के समय Anirudha Singh Anirudha Singh से मेरी कोई खास जान पहचान नहीं थी मैं बस इनको अपने साथी सब इंस्पेक्टर और एक बहुत अच्छे फोटोग्राफर के रूप में जानता था l शायद ये मुझे जानते थे या नहीं ये भी नहीं जानता l
कालांतर में नौकरी के दौरान इनके बड़े बड़े साहसिक कार्यों के बारे में सुनकर बैचमेट होने की वजह से खुशी मिलने लगी थी l
इनका आउट ऑफ़ टर्न प्रमोशन और फिर फ़िल्म एक्टिंग में हीरो का रोल ये सब मिलाकर ये अपने बैच में सेलिब्रेटी हो गए थे l
सोशल मीडिया पर ये तब वायरल होकर जनता द्वारा पहचाने जाने लगे थे जब देश का शायद ही कोई पुलिसकर्मी सोशल मीडिया पर अपने अच्छे कार्यों की वजह से वायरल हुआ हो l
वर्ष दो हज़ार उन्नीस में अयोध्या ड्यूटी के दौरान हम लोगों की कई बार विधिवत मुलाक़ात साथ में खाना पानी हुआ उस समय मैं कविताएँ शुरू कर चुका था लेकिन सोशल मीडिया पर कम ऐक्टिव था l
वैसे तो मुझे मित्र Akshay Kumar इंस्पेक्टर और तिलक राज भाटी इंस्पेक्टर तथा अन्य लोग साहित्य सेवा के लिए बहुत वर्षों से प्रेरित कर रहे थे लेकिन अनिरुद्ध भाई ने भी मुझे कवितायें जारी रखने को प्रेरित किया l
जब ये प्रमोशन पाकर बदायूँ जनपद क्षेत्राधिकारी के रूप में वर्ष दो हज़ार बीस में जा रहे थे तो रास्ते में सीतापुर मुझसे मिले और हम दोनों पी टी सी सीतापुर गए l वहाँ दो हज़ार उन्नीस बैच के सब इंस्पेक्टर पासिंग आउट परेड की तैयारी कर रहे थे क़रीब दो सौ लड़को ने भाई के साथ फोटो लिया यद्यपि की एक लड़के ने मुझे भी पहचाना l मैं मन ही मन भगवान से पूंछ रहा था भगवान क्या मेरे भी जीवन में ऐसा दिन कभी आयेगा जब लोग मेरे साथ फोटो लेंगे ?
बदायूँ की आपराधिक जनजाति को अपराध करना और शराब बनाना बंद करवा कर अच्छे कार्यों के लिए जोड़ना हो या गरीब बहनों की शादी करवाना हो सब में यह अग्रणी रहते हैं l
सोशल मीडिया पर और हर जगह मुझे आगे बढ़ाने का काम तो इन्होंने किया ही है साथ साथ तमाम ऐसे ऐसे क्रिएटर्स को ये सपोर्ट करते हैं जिनकी अपनी पहचान अभी बहुत कम है
सर आपको पता नहीं आप बहुत अच्छे हैं ——
धर्मराज कवि शायर—-