
रक्षाबंधन भाई बहन के अटूट रिश्ते का संकल्पित त्यौहार
*संवाददाता – कैलाश सिंह महाराजगंज*
महराजगंज,रक्षाबंधन, जिसे राखी के नाम से भी जाना जाता है, भाई-बहन के प्यार और सुरक्षा के बंधन का उत्सव है। इस दिन, बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं, जो उनकी रक्षा और कल्याण के लिए प्रार्थना का प्रतीक है। भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं और उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं।
रक्षाबंधन का महत्व:
भाई-बहन के रिश्ते का उत्सव:
रक्षाबंधन भाई-बहन के बीच अटूट प्रेम, स्नेह और सम्मान का प्रतीक है। यह एक-दूसरे के प्रति उनकी देखभाल और सुरक्षा की भावना को दर्शाता है।
सुरक्षा का वचन:
राखी बांधने का अर्थ है कि भाई अपनी बहन को हर मुसीबत से बचाने का वचन देता है। यह एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी और समर्पण का प्रतीक है।
पारिवारिक बंधन को मजबूत करना:
रक्षाबंधन परिवार के सदस्यों को एक साथ लाता है और उनके बीच प्यार और एकता की भावना को बढ़ावा देता है।
सांस्कृतिक महत्व:
रक्षाबंधन भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और पीढ़ियों से मनाया जा रहा है। यह हमें अपने रिश्तों को महत्व देने और उनका सम्मान करने की सीख देता है।
सामाजिक महत्व:
रक्षाबंधन का त्योहार भाईचारे और सामाजिक सद्भाव का संदेश देता है। यह हमें एक-दूसरे के प्रति प्रेम और सहयोग की भावना रखने के लिए प्रेरित करता है।
रक्षाबंधन का पौराणिक महत्व:
पौराणिक कथाओं में भी रक्षाबंधन के त्योहार का उल्लेख मिलता है। एक कथा के अनुसार, देवी लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपना भाई बनाया था और उनसे अपने पति भगवान विष्णु को वापस ले जाने का वचन लिया था।