
एक लड़की की शारीरिक खुशबू तुम्हें अच्छी लगती है। यह है प्रेम।
लेकिन एक और लड़की है, जिसे तुम महसूस करते हो। उसे अच्छा लगने के लिए न उसकी मौजूदगी चाहिए, न उसकी शारीरिक खुशबू। यह है प्यार।
किसी लड़की के साथ रूम डेट करने में तुम्हें आनंद मिलता है। लेकिन एक और लड़की है, जिसके बारे में सोचने मात्र से ही तुम्हें आनंद मिलता है। पहली तुम्हारी प्रेमिका है। दूसरी तुम्हारा प्यार है।
तुम्हारे दोस्तों के बीच एक लड़की है, जिसके पास गले लगकर बैठने के लिए तुम बेचैन रहते हो। यह लड़की तुम्हारी वासना का विषय है।
वहीं, तुम्हारे दिमाग के किसी कोने में एक ऐसी लड़की है, जिसके पास गले लगकर बैठने की बेचैनी तुम्हें नहीं होती। लेकिन उसकी अनुपस्थिति तुम्हें बेचैन करती है। उससे बात करने के लिए तुम बेचैन रहते हो। यह लड़की तुम्हारा प्यार है।
एक लड़की की न्यूड तस्वीर देखने के लिए तुम हमेशा उत्सुक रहते हो। लेकिन एक और लड़की है, जिसकी न्यूड तस्वीर तुम्हारे दिमाग में भी नहीं आती। चाहकर भी तुम उसे सोच नहीं पाते। पहली तुम्हारी प्रेमिका है। दूसरी तुम्हारा प्यार है।
किसी लड़की के साथ घंटों फोन पर मस्ती करने के बाद भी तुम उसे गंभीरता से नहीं सोचते। सब कुछ उस फोन की मस्ती तक ही सीमित रहता है। लेकिन तुम्हारे जीवन में एक ऐसा इंसान है, जिससे फोन पर बात न करने के बावजूद तुम हर वक्त उसके बारे में सोचते हो। लड़के… पहली तुम्हारी टाइमपास प्रेमिका है। दूसरी तुम्हारा प्यार है।
अगर कोई लड़की तुम्हारे साथ अहंकार दिखाती है, तो तुम भी उसके साथ वैसा ही अहंकार दिखाते हो। लेकिन तुम्हारे जीवन में एक ऐसा इंसान है, जिसके सौ बार अपमान करने पर भी तुम उससे अहंकार नहीं दिखा पाते। पहली तुम्हारी प्रेमिका है। दूसरी तुम्हारा प्यार है।
मेडिकल साइंस ने प्रेम और प्यार की परिभाषा में अंतर को इस तरह बताया है:
“अगर शारीरिक सुख खत्म होने के बाद भी तुम्हें किसी इंसान के साथ जीवनभर रहने की इच्छा हो, तो यह प्यार है। और अगर ऐसी इच्छा न हो, तो वह सिर्फ प्रेम था।”
सबसे मजेदार बात यह है कि दुनिया के ज्यादातर लोग प्रेम को ही प्यार समझ लेते हैं। प्रेम करते-करते वे एक दिन प्यार को ही भूल जाते हैं। उन्हें समझ तब आता है, जब अचानक उनके प्यार के इंसान से मुलाकात हो जाती है।
इसलिए तुम देखते हो कि दो-तीन प्रेम करके समय बिताने वाली लड़की भी एकांत में किसी के लिए रो-रोकर बेचैन हो जाती है।
पूरे दिन ऑनलाइन लड़कियों से फ्लर्ट करने वाला लड़का भी एक दिन थककर इनबॉक्स की गंदी बातों को छोड़ देता है। वह उस लड़की के बारे में सोचने लगता है, जो उसके दिमाग में घूमती रहती है।
सच यह है कि शारीरिक आकर्षण कई लोगों के प्रति हो सकता है, लेकिन मन का लगाव सिर्फ एक इंसान के प्रति होता है। वही एक इंसान तुम्हारा प्यार है, और बाकी सब तुम्हारी प्रेमिकाएँ हैं। लेकिन कई लोगों के साथ प्रेम करते-करते लड़का अनजाने में प्यार को दफना देता है, और उसे खुद भी नहीं पता। जब पता चलता है, तब कुछ करने को बचता नहीं। क्योंकि तब तक वह एक भावनाहीन, रक्त-मांस का रोबोट बन चुका होता है।
विधाता ऐसे लोगों के माथे से चार अक्षरों का “प्यार” शब्द मिटा देता है। उसकी जगह दो अक्षरों का “प्रेम” लिख देता है। इसलिए जिसका प्रेम होता है, उसका सिर्फ प्रेम ही होता है। एक के बाद एक, बस चलता रहता है।