
*काला जादू*
साभार – मारुति नंदन बरनवाल
मेरे घर के आगे रोज कोई नींबू जिसके अंदर शायद सिंदूर लगा रहता है, फेक कर चला जाता था। मैं इन सारी चीजों को नहीं मानता, और मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता था।
सुबह घर में झाड़ू लगाते वक्त जब बाहर के गेट को खोलकर मेरी पत्नी कूड़ा बाहर कूड़ेदान में डालने जाती है, तो मुख्य द्वार पर ठीक सामने रोज उसे वह नींबू दिखता, जिसे कि वह हाथ भी नहीं लगती। बाद में सड़क के साफ सफाई के वक्त वह वहां से हट जाता है, या किसी गाड़ी के पहियों के नीचे आकर खत्म हो जाता।
लगातार 1 हफ्ते से ऐसा कुछ मेरे घर में हो रहा था।
मेरी पत्नी बहुत परेशान हो चुकी थी ,और रोज मुझसे इस बात के लिए बहस करती थी, की पता करो यह सब कौन कर रहा है, पर मैं उसे सिर्फ यही कहता था, यह सब काला जादू वगैरह कुछ नहीं होता।
सब मन का वहम होता है ।
अगर ऐसा होने लगे तो हर कोई दुनिया को अपनी मुट्ठी में कर ले। जो ऐसा कर रहा है, उसे करने दो।
उसे अपने मन की तसल्ली मिलने दो।
हमारा कुछ नहीं बिगड़ने वाला।
होगा वही जो प्रभु चाहेंगे।
लेकिन मेरी पत्नी को कितना भी समझा लो, वह इन सारी दकियानूस बातों को मानती थी ।
उसने जिद पकड़ ली, कि अब तो उसे पता करना ही है, कि यह सब कुछ कौन कर रहा है, नहीं तो वह हमारे घर में कुछ अनर्थ हो जाएगा।
इन सब पर यकीन ना होते हुए भी ,पत्नी की जिद के आगे मुझे झुकना पड़ा, और मैंने अगले दिन अपने घर के हाल के बाहर सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करवा दिए, जो की सड़क तक की रिकॉर्डिंग आराम से कर सकता था ।
किसी पड़ोसी को खबर नहीं लगने दी, कि हमने कैमरे लगवाए, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
अगले दिन सुबह फिर नींबू हमारे गेट पर था, और हमने सीसीटीवी कैमरे की रिकॉर्डिंग देखी ,देखकर हमारे होश उड़ गए।
उस नींबू को मेरे छोटे भाई ने लाकर मेरे मुख्य द्वार के आगे रखा था।
मुझे तो यकीन नहीं हो रहा था, की बगल के घर में रहने वाला मेरा छोटा भाई ऐसा कैसे कर सकता है?
मुझे इन सारी चीजों पर कोई विश्वास नहीं था।
लेकिन फिर भी आज मुझे दुख हो रहा था, इस बात का, की आखिर मेरे छोटे भाई ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया?
मेरी पत्नी भी यह सब कुछ देखकर हैरान थी।
हम दोनों भाइयों के बीच कभी कोई विवाद नहीं रहा था, किसी भी बात को लेकर।
माता-पिता के गुजरने के बाद सारी संपत्ति हम दोनों ने बराबर बराबर बाटी थी, और आपस में प्यार मोहब्बत से रहते थे।
आज दिल टूट सा गया था।
मुझे कुछ भी समझ में नहीं आया।
मेरी पत्नी को गुस्सा आ रहा था ,और वह अपने देवर देवरानी से लड़ने के लिए जाना चाह रही थी।
लेकिन मैंने उससे बोला तुम चुप रहो, और अपना काम करो।
मैं छोटे से बात करके देख लूंगा ।
पत्नी ने बोला अब बात करने वाली कोई बात नहीं है।
यह बहुत बड़ी बात है ।
सगा भाई होकर वह ऐसा कैसे कर सकता है?
मैंने किसी तरह से अपनी पत्नी को समझा बूझाकर ,उसे घर के कामों में व्यस्त कर दिया, और अपने छोटे भाई के पास गया।
भाई ने हमेशा की तरह बहुत प्यार से मुझसे बात की, और अपनी पत्नी से मेरे लिए चाय बनाने को कहा।
थोड़ी देर में चाय आ गई।
मैं भाई से इधर-उधर की बात करने के बाद मुख्य मुद्दे पर आ गया, और बोला कि मेरे घर के मुख्य द्वार पर रोज कोई सिंदूर लगा हुआ नींबू फेंक कर जा रहा है।
मेरा भाई अनजान बनते हुए बोल रहा था ,अच्छा, ऐसा कौन कर सकता है?
उसके बाद मैंने आराम से बोला ,यही जानने के लिए कल मैंने अपने घर में सीसीटीवी कैमरे इंस्टॉल करवाए थे, अब तो मेरे भाई के चेहरे का रंग उड़ गया था।
उसे समझ में नहीं आ रहा था ,वह क्या बोले?
वह मुझसे नज़रे नहीं मिला पा रहा था।
मैंने अपने भाई से पूछा, कि मुझसे ऐसी क्या गलती हो गई थी, कि उसने मेरे साथ ऐसा किया?
मैंने अपने भाई से साफ-साफ बोला ,देख भाई मैं इन सब बातों पर विश्वास तो बिल्कुल भी नहीं करता, लेकिन तुझे यह सब करता देख आज मेरा दिल में बहुत दर्द हुआ है।
हजारो टुकड़े हो गए हैं मेरे दिल के।
बस इतना बता दे ,कि मुझसे ऐसी क्या गलती हो गई, कि तुमने मेरे साथ ऐसा किया?
मेरा भाई और उसकी पत्नी मुझसे नजरे नहीं मिल पा रहे थे।
धीरे-धीरे हकलाते हुए मेरे भाई ने बोला, भैया आपने कुछ भी नहीं किया है।
बस आपकी दुकान, मेरी दुकान से ज्यादा अच्छी चलती है, और आपकी आमदनी मेरी आमदनी से दुगनी है।
मैं भी चाहता था, कि मेरी आमदनी बढ़ जाए।
किसी ने मुझे बताया था, कि अगर मैं नींबू में सिंदूर लगाकर आपके घर के सामने रख दूंगा, और आपने अगर उसे छू लिया, तो उसके प्रभाव से आपका भाग्य मुझे मिल जाएगा, और मेरी दुकान भी आपकी दुकान की तरह अच्छी चलने लगेगी ।
बस भाई मैं यही चाहता था ।
मैं हैरान था ,अपने भाई की बातें सुनकर।
मेरा भाग्य लेने के लिए, मेरे भाई ने काले जादू का इस्तेमाल किया।
फिर भी खुद को संभालते हुए मैंने अपने भाई से बोला ,भाई अगर यही बात थी, तो एक बार मुझसे बोल कर तो देखा होता, मैं तो खुद अपने हाथों से इस नींबू को उठा लेता, तुझे यह सब करने की जरूरत ही नहीं पड़ती, कहकर नवनीत मैंने अपनी जेब में हाथ डाला ,और भाई ने आज सुबह जो नींबू मेरे गेट पर फेंका था, वह अपनी जेब से निकाल कर भाई के सामने अपना हाथ खोल दिया।
भाई ने जैसे ही देखा ,कि मैंने वह नींबू अपने हाथों में पकड़ रखा है, वह हैरानी से मेरी ओर देखने लगा।
मैने बोला जब मुझे पता चला कि यह सब कुछ तूने किया है ,मुझे लगा जरूर तुझे कुछ जरूरत होगी, जिसकी वजह से तू यह सब कुछ कर रहा है, तो मुझे तो तेरे लिए इसे छूना ही होगा।
इसीलिए मैंने इसे उठाकर अपनी जेब में रख लिया, ताकि तेरी जो भी इच्छा है वह पूरी हो जाए।
भाई कभी उस नींबू को देख रहा था, और कभी मेरे मेरा चेहरा देख रहा था ।
उसे यकीन नहीं हो रहा था, कि मैं ऐसा कुछ कर सकता था।
मैंने बोला तू मेरा छोटा भाई है, और तेरे लिए मैं कुछ भी कर सकता हूं।
बस एक बार विश्वास करके मुझसे बात तो की होती, मैं उसी वक्त यह नींबू और सिंदूर लेकर उसे अपने जेब में रख लेता, ताकि मेरा भाग्य तुझे मिल जाए।
मेरा भाई शर्म से जमीन में गड़ने को था।
उसे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था, और मैं अब अपने घर की ओर जा रहा था, यह बोलते हुए, की अगर फिर कभी किसी भी चीज की जरूरत हो ,या कोई भी जादू टोना करना हो, जिससे तुम्हारा कुछ फायदा हो ,तुम सीधे-सीधे मुझसे बात करना, वादा करता हूं तुम्हारी पूरी मदद करूंगा ,और मैं अपने घर की ओर जाने लगा।
लेकिन पीछे से मेरे भाई ने मेरे पैर पकड़ लिये, और रोने लगा। उसे अपनी गलती का एहसास हो गया था।
वह बोल रहा था भाई मैं तो सच में आपसे ज्यादा भाग्यशाली हूं, जो मुझे आपके जैसा बड़ा भाई मिला है।
मुझसे अधिक भाग्यशाली दुनिया में और कौन होगा?
मैंने अपने भाई को उठाकर गले से लगा लिया, और भाई ने मेरे हाथों से वह नींबू लेकर डस्टबिन में फेंक दिया।