
*राजनीति में अपराधीकरण के लिए जिम्मेदार..!!**
*समय समय पर नकारात्मक असर भी सबके सामने..!!*
साभार – बरनवाल संतोष नयन सम्पादक
राजनीति को आपराधिक छवि के लोगों या दागियों से मुक्त कराने के लिए लंबे समय से सवाल उठाए जाते रहे हैं!बल्कि राजनीति के अपराधीकरण की आंच आए दिन न केवल जनप्रतिधिनियों के आचरण पर दिखती रही है,बल्कि आम लोगों के सरोकारों से संबंधित मसलों पर इसका नकारात्मक असर भी सबके सामने आता रहा है!अदालतों ने भी अपने स्तर पर ऐसे लोगों पर लगाम लगाने की कोशिश की है!इसके बावजूद आज भी अमूमन हर विधानसभा और संसद व नगरपालिक व नगर निगमों के चुनावों जीत ही जाते हैं!जब भी देश मे लोकसभा व विधानसभा व अन्य बड़े पदों के चुनाव होते हैं तो अखबारों में देश में किस राजनीतिक दल ने कितने दागियों को टिकट दिया है इसकी चर्चा होने लगती है! चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट की चिंताओं के बावजूद देश की विधानसभाओं और संसद में आपराधिक पृष्ठभूमि के सदस्य बढ़ते जा रहे हैं! इसके लिए जिम्मेदार कौन है?पिछले कई दशकों से हम सुनते आ रहे हैं कि राजनीति अच्छे ईमानदार लोगों के लिए नहीं है!जिस देश में यह सिखाया जाता हो और वहां की संसद या विधानसभाओं में दागी या अपराधी किस्म के लोग पहुंच जाएं तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए!यह एक ऐसा नुकसान है देश के लिए जो अच्छे लोग पहुंचाते हैं!क्योंकि व अपराधियों के लिए जगह खाली करते हैं!साफ-सुथरी छवि के लोग राजनीति में आते भी हैं तो उन्हें बाद में पछतावा ही होता है!क्योंकि हमने कभी उनका सम्मान नहीं किया जो जीवन के संघर्ष में खड़े रहते हैं जो हालात को बदलने की कोशिश करते हैं! अगर हम अब भी नहीं जागे तो आपराधिक पृष्ठभूमि के लोग ही देश पर राज करते रहेंगे! तो फिर चुनाव प्रक्रिया को अपराध से मुक्त,स्वच्छ और स्वतंत्र तरीके संपन्न कराने का क्या हासिल,अगर आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार चुन कर कर विधानसभा,लोकसभा या सरकार में पहुंचते रहें!