👉 अमूल्यरत्न न्यूज संवाददाता
👉 अगर ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज बराबर भी कर ले तो भी चयनकर्ताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में पिच को लेकर काफी चर्चा देखी गई है।
सीरीज शुरू होने से पहले ही ऑस्ट्रेलियाई मीडिया और कुछ पूर्व क्रिकेटरों ने भारत पर नागपुर ट्रैक के साथ “छेड़छाड़” करने का आरोप लगाया था।
हालांकि, दिल्ली टेस्ट के दौरान रैंक टर्नर बनाने वाले भारत पर बातचीत अपेक्षाकृत कम थी, लेकिन यह एक बार फिर केंद्र में आ गया, क्योंकि इंदौर में मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया।
पिच ही नहीं, बल्कि अब भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने यहां तक कह दिया है कि ऑस्ट्रेलिया के सलेक्शन पैनल पर भी सवाल उठने चाहिए।
चयनकर्ताओं की कमियों को उजागर करते हुए सुनील गावस्कर ने जोश हेजलवुड का उदाहरण दिया, जो चोट के कारण पहले टेस्ट से बाहर हो गए थे।
उन्होंने मिचेल स्टार्क के बारे में भी बात की। उन्होंने स्पोर्टस्टार को लिखे अपने कॉलम में कहा, “विभिन्न मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर पूर्व ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी अपने खिलाड़ियों की आलोचना कर रहे हैं, लेकिन जो वास्तविक लक्ष्य होने चाहिए वे ऑस्ट्रेलिया की टीम के चयनकर्ता हैं।
वे तीन खिलाड़ियों (हेजलवुड, स्टार्क और कैमरून ग्रीन) को कैसे चुन सकते हैं, जिन्हें वे जानते थे कि पहले दो टेस्ट मैचों में चयन के लिए उपलब्ध नहीं होंगे?
यानी आधी सीरीज के लिए टीम मैनेजमेंट के पास चुनने के लिए सिर्फ 13 खिलाड़ी थे।”
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उन्होंने आगे कहा, “इसके बाद वे एक न्यूकमर (मैथ्यू कुह्नमैन) को भेजते हैं जब उनके पास टीम में पहले से ही एक ऐसा खिलाड़ी था।
अगर उन्हें नहीं लगता था कि टीम का खिलाड़ी काफी अच्छा है, तो उन्होंने उसे पहले स्थान पर क्यों चुना?
इसका मतलब था कि टीम प्रबंधन 12 खिलाड़ियों में से अपने 11 खिलाड़ियों को चुन रहा था। ये हास्यास्पद है।
अगर उन्हें जिम्मेदारी का जरा भी अहसास है तो चयनकर्ताओं को इस्तीफा दे देना चाहिए भले ही ऑस्ट्रेलिया शानदार वापसी करे और अगले दो टेस्ट जीतकर सीरीज बराबर करे।”

