
बधाई आशा जी
फ़िल्म इंडस्ट्री की सबसे सफल अभिनेत्री आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार के लिये चुना गया है।
1952 में माँ फ़िल्म से बाल कलाकार के रूप में शुरुआत की और 1959 में शम्मी कपूर के साथ नासिर हुसैन की फ़िल्म दिल देखे देखो से जवान अभिनेत्री के रूप में शुरुआत की।
कमाल की बात है अभिनेत्री अमिता के साथ उन्होंने चैतन्य महाप्रभु में काम किया।
गूंज उठी शहनाई में आशा पारेख की जगह अमिता को हीरोइन लिया। दोनो को सफलता नासिर हुसैन की फिल्मों से मिली तुमसा नही देखा और दिल देके देखो और दोनो में हीरो शम्मी कपूर थे।
दिल देके देखो के बाद आशा जी ने जुबली फिल्मों की झड़ी लगा दी।
जब प्यार किसी से होता है,
घूंघट,
घराना,
छाया,
फिर वही दिल लाया हूं,
भरोसा,
ज़िद्दी,
मेरे सनम,
तीसरी मंजिल,
लव इन टोकियो,
आये दिन बहार के,
उपकार,
शिकार,
कन्यादान,
साजन,
प्यार का मौसम,
चिराग,
आया सावन झूम के,
दो बदन,
कटी पतंग,
आन मिलो सजना,
पगला कही का,
मेरा गांव मेरा देश,
कारवां,
समाधि,
हीरा,
जख्मी,
मैं तुलसी तेरे आंगन की,
कालिया,
बुलंदी,
सौ दिन सास के,
धरम और कानून
बंटवारा जैसी सुपरहिट जुबली फिल्में दी।
आज तक सबसे ज्यादा हिट फिल्म देने वाली अभिनेत्री
आज तक सबसे ज्यादा सुपरहिट और बेहतरीन गानो वाली अभिनेत्री है आशा जी।
सबसे ज्यादा नृत्य सुपरहिट गीत भी आशा जी के है। वे शास्त्रीय और वेस्टर्न दोनो प्रकार के नृत्य में प्रवीण है।
आशा जी का चेहरा साधारण था मगर आंखे बहुत सुंदर थी। पर्दे पर बेहद खूबसूरत नजर आती थी और आज भी खूबसूरत लगती है।
सेंसर बोर्ड की चेयरपर्सन भी रही है।
धरमजी के साथ शिकार,
समाधि,
मेरा गांव मेरा देश,
आये दिन बहार के,
आया सावन झूम के,
धरम और कानून,
बंटवारा,
हथियार आदि फिल्में दी।
इनकी जोड़ी सफल जोड़ी है।
आज धरमजी बहुत खुश होंगे आशा जी को ये सम्मान मिलने पर।
उनकी और हमारी तरफ से आशा जी को हार्दिक बधाई।