
सम्पादकीय
✍🏿जगदीश सिंह सम्पादक✍🏿
हैरत हुई गालिब तुम्हें मस्जिद में देख कर,—??
एैसा भी क्या हुआ कि ख़ुदा याद आ गया।—-??
आजकल सोशल मिडीया पर एक महत्वपूर्ण चौंकाने वाली खबर तेजी से वायरल हो रही है। सच भी है जब लीक से हटकर कोई महत्वपूर्ण ब्यवस्था का मालिक कोई कदम उठाया है तो लोगों में हैरानी होना स्वाभाविक है। सच क्या है इसको दावे के साथ कहना मुश्किल है मगर जो खबर वायरल हो रही है उसमें आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत का दिल्ली की जामा मस्जिद के इमाम इलियासी से सियासी से मामले को लेकर गहन वार्ता को खबर बनाया गया है।बात भी चौंकाने वाली है मगर बीजेपी सबका साथ सबका विकास का नारा हवा में नहीं उठाया है उसके पीछे लाजिक है पूरी तरह बीजेपी हो सामाजिक है। आने वाले समय में चुनिवी शंखनाद होने वाला है सारे महारथी अपने अपने हथियार के साथ सेना को सुसज्जित कर लोकतंत्र के रहस्यमई कीलें पर कब्जा करने के लिए बिधिवत तैयारी करने में लगे हैं।देश की सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी पुनः सत्ता में वापसी को लेकर संजीदा हो चुकी हैं सारे मामले को तरीका से हल कर सबको साथ लेकर भारत के भविष्य का ताना बाना बुनना चाह रही है। उसी फार्मूले पर सोच समझ कर मन्जिल पर फतह करने के लिए प्रभावी तरीके से सत्ता को पुनर्स्थापित करने का मूलमंत्र तलाश रही है।
कभी केवल हिन्दू हित की बात करने वाली बीजेपी अपने सिद्धान्त को समाजवादी बना दिया है।इस सरकार में राष्ट्र की मुख्यधारा में रहने वाले मुस्लिम समुदाय के हित को सर्वोपरि रखकर कदम कदम पर सहयोग की ईबारत तहरीर किया गया है। आर एस एस के हाथ में हिन्दुस्तान के सियासत की बागडोर है यह सारी दुनियां जानती है।दो हजार चौबीस में चुनाव होना है बिपक्ष पूरी तरह हमलावर है!ग़रीबी मंहगाई बेकारी बेरोज़गारी के मुद्दा को लेकर जनमानस में प्रचार प्रसार कर रहा है।पब्लिक सब जानती है किसके हाथ में देश सुरक्षित है? फिर भी भूखे भजन न होय गोपाला वाली बात लोगों को परेशान कर रही है।यह सही भी है की देश का भविष्य वर्तमान ब्यवस्था के हाथ में ही सुरक्षित है? मगर जिस तरह से महंगाई सुरसा के तरह लोगों के बीच खौफ पैदा कर दिया है उससे निजात नहीं मिला तो आने वाले कल में घात प्रतिघात निश्चित है?।और इसी का हल सभी को मिलाकर भविष्य सुधारने का प्रयास कर रहा है आर एस एस? राष्ट के मुख्यधारा में शामिल मुसलमान हिन्दुस्तान के आन बान शान के लिए हमेशा कुर्बान हुआ है इसका इतिहास गवाह है। केवल मुगलिया काल के विखंडनकारी लुटेरों की बात न किया जाय तो वतन परस्त मुसलमान हमेशा से ही वतनपरस्त रहा है।मगर वर्तमान में जिस तरह का माहौल बन गया उससे हर शख्स परेशान हो गया है। सर्वे भवन्तु सुखिन के फार्मूले पर देश में गुणात्मक सुधार के लिए सभी का सहयोग आवश्यक है।अगर आर एस एस कोई कदम लीक से हटकर उठा रही है तो निश्चित रूप से बड़े परिवर्तन के तरफ इशारा है? जिसकी जितनी समझ उतनी सोच रहा है! अभी कश्मीर में जिस तरह बीजेपी को लेकर वहां का नौजवान सोच रखता है उसको जिसने भी देखा वाह वाह कर उठा! सभी शान्ती सद्भावना सदाचार सद्बिचार के के आवरण में तरक्की की वकालत कर रहे हैं।राष्ट्रवादी सोच रखने वालो के बदौलत ही देश का परिवेश बदल गया है। सच में ईमानदारी से भारत का मुसलमान सम्मान के साथ स्वाभिमान की क्षत्र छाया में एकत्र हो गया तो दुनियां के फलक पर हिन्दुस्तान का परचम बुलंदी की ईबारत तहरीर करते शान से कह सकेगा सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा! मगर यहां तो कुर्सी के लिए कुटिल सियासतदार कभी इस्लाम को खतरा का नारा लगाते है कभी मन्दिर मस्जिद का सवाल खड़ा कर हिन्दुस्तान को खतरा बताते हैं।आस्था की आग को हवा देकर लगातार वैमनस्यता की आग भड़काते रहते हैं। कभी कन्हैया मरता है तो कभी रुकैया का बलात्कार होता है! मानवता कराहती है इन्सानियत का देवता दहाड़े मारकर रोता है?हर तरफ दहशत है! देश के ज़र्रे ज़र्रे मेंबे मौत मर रहे लोगों के लहू के रंग से सिसकती तडपती मां बसुन्धरा का आंचल गीला हो रहा है! सियासी खेल में राम -रावण-का लीला हो रहा है।देखिए समय का रथ किस मुकाम पर अपनी सम्पूर्णता को लिए भाई चारगी की मिसाल बनकर इस बिप्लवी सदी में काल जई इतिहास रचता है। अखंड भारत की ऐतिहासिक सोच रखने वालो का परचम बुलन्दी पाता है? या गजवाए हिन्द का ख़्वाब सजाने वालों की सोच बुलन्दी पाती है।
जयहिंद🙏🏿
जगदीश सिंह सम्पादक
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