गौर से पढ़कर अनुमान लगाइए
सच कौन बोल रहा है गूगल मैप, मैप माई इंडिया या प्रशासनिक अमला ????
अबैध खनन कर जवही दयाल (चैनपट्टी) में खनन विभाग से बिना भण्डारण का लाइसेंस लिए बालू भण्डारण किया गया था जिसे राष्ट्रीय सहारा ने सार्वजनिक किया था
मामला सार्वजनिक होने के बाद इस अबैध खनन में सहभागिता निभाने वाले प्रशासनिक अमले में बैठे लोगो में बेचैनी सी होने लगी और वह लोग शिनाख्त मिटाने के लिए बालू हटवाने का पुरजोर प्रयास किये लेकिन उसमें सफल नही होने पर अब सभी लोग अपने कारनामे को छिपाने के लिए यह कहने लगे कि जहां बालू का ढेर लगा हुआ है वह बिहार में है
लेखपाल और उपजिलाधिकारी तक अब उक्त जगह को बिहार में बता रहे है जबकि गाँव और आसपास के लोग उक्त जगह को उत्तर प्रदेश में बता रहे है
इस बारे में जब पड़ताल किया गया तो जो स्थिति सामने आई वह यह है कि बालू भण्डारण जिस जगह पर किया गया है गूगल मैप में वह लोकेशन उत्तर प्रदेश में दिखाया जा रहा है। पड़ताल के लिए मौके पर जाकर लोकेशन ट्रेस करने पर उसका कोऑर्डिनेशन 26.686528,84.327750 बता रहा है। उक्त कोऑर्डिनेशन को गूगल मैप और मैप माई इंडिया में ट्रेस करने पर उक्त जगह से बिहार 0.3 माइल यानी लगभग 480 मीटर दूर दिखाया जा रहा है। पूरे बिश्व में सर्वाधिक प्रयोग में लायी जाने वाली गूगल मैप की कितनी प्रमाणिकता (एक्यूरेसी) है इसके बारे में बहुत कुछ नही कहा जा सकता लेकिन यह कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि गूगल मैप और मैप माई इंडिया के हिसाब से वह जगह पूरी तरह उत्तर प्रदेश में है
ग्रामीणों के अनुसार बालू भण्डारण वाली जगह केवल पुत्र डोम और खेदन पुत्र सरल आदि की भूमिधरी गाटा संख्या 2419 , 2420 से सटा हुआ है और वह जगह पुराने बंधे के पास है जो बर्ष 2008 में टूटकर बह गया था लेकिन चुकी लेखपाल से लेकर अन्य सभी जिम्मेदार लोगों की इसमे प्रत्यक्ष या परोक्ष सहभागिता है इसलिए फिलहाल सभी उस जगह को बिहार में बताकर अपने आप को सेफ करना चाहते है
अबैध खनन का यह खेल अर्से से खेला जा रहा है और उक्त जगह को एकबारगी बिहार में मान भी लिया जाए तो क्या जिम्मेदार लोग बताएंगे कि वह बालू अपने गंतब्य पर किस रास्ते से होकर जाता है। अगर नदी के नीचे से सुरंग बनाकर साहब लोगो ने कोई नया रास्ता नही बनाया है तो यह सौ फीसदी सच है कि बालू लदी ट्रके और ट्रालियां एपी बंधा से होकर यूपी के रास्ते से ही गुजरती है तो फिर उनका रॉयल्टी कहा कटता और जमा होता है और उनका अभिवहन पास कहा बनता है।
सूत्रों की माने तो साबुत मिटाने को आतुर साहब लोगो ने कल देर रात उक्त जगह से 3 ट्रक बालू लदवाकर अन्यत्र भेजवाया है और वह लोग जल्द से जल्द उस जगह को खाली कराकर खुद को सेफ हो जाना चाहते है।
मेरे द्वारा अबैध खनन कर भण्डारण किये गए सफेद बालू का मामला सार्वजनिक करने के बाद जिम्मेदार लोग उस जगह को बिहार में होना बताकर अधिकारियों को गुमराह कर रहे है ऐसा लगने पर मेरे द्वारा पूरे मामले का एक बार फिर पड़ताल करने पर यह बात उभरकर सामने आई है कि बालू भण्डारण की वह जगह यूपी में है जिसे सबूत के साथ मैं सबके सामने पेश कर रहा हु अब उक्त स्थान को बिहार में बताने वालों की जिम्मेदारी है कि वह यह सबको प्रूफ करके दिखाए की वह जगह बिहार में है क्योंकि अब बर्डेन आफ प्रूफ उन लोगो के ऊपर है जो उक्त जगह को बिहार में बता रहे है। अगर जिम्मेदार लोग अपने कथनी पर कायम है तो गाँव के नक्शे के साथ साथ उन्हें जीपीएस से उक्त जगह को ट्रैक करके यह प्रूफ करके दिखाना होगा कि वह जगह बिहार में है।
जो जिम्मेदार उक्त जगह को बिहार में बता रहे है उनके पास अगर नैतिकता है तो उन्हें सच्चाई सामने लाने का प्रयास करना होगा नही तो बाकी का तो सब अंडरस्टूड है ही कि वह ऐसा क्यो कर रहे है

