बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिता, नही मिल रहे सरसों की कटाई के लिए मजदूर
सरसों की कटाई कार्य शुरू मजदूरों का टोटा
मौसम ने फिर करवट बदली, सुबह कोहरा और पारा ने बढ़ाई किसानों की परेशानी
अमांपुर। मौसम दिन पर दिन करवट बदल रहा है।कभी धूप की लुका-छिपी तो कभी कोहरा और बादल इससे किसान चिंतित है।शुक्रवार की सुबह भारी कोहरा और पारा ने सरसों किसानों की चिंता बड़ा दी है। अधिकांश सरसों की फसल कट कर खेतों में पड़ी है। और कुछ फसल खेतों में खड़ी है। पारा और बारिश होने से दाना काला पड़ने की आशंका है। इन दिनों सरसों की फसल पककर तैयार हो चुकी है, जिसके चलते कटाई का कार्य तेजी से चल रहा है। मौसम में परिवर्तन के साथ बढ़ रहे तापमान से सरसों तेजी से पक रही है, जिसके चलते किसानों ने भी कटाई तेज कर दी है। मौसम साफ होने से किसान जल्द से जल्द सरसों की फसल काटकर सुरक्षित रखने के प्रयास में है। किसानों ने बताया कि इस बार सरसों की फसल की बम्पर पैदावार हुई है। दाम बढ़ने से अधिकतर किसानों ने सरसों का उत्पादन किया है। हालंकि आलू की खुदाई के चलते सरसों की कटाई के लिए मजदूर नही मिलने से किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मार्च माह यानी होली तक सरसों की कटाई का कार्य लगभग पूर्ण हो जाएगा। जहां पहले बुवाई की गई थी, वहां सरसों की कटाई हो चुकी है। इसे तैयार करके किसान मंडी में बेचने ला रहे हैं। सरसों की फसल कटाई के चलते मजदूरों का टोटा रहता आया है। किसानों को सीजन में अच्छी मजदूरी देने के बावजूद फसल कटाई के लिए पर्याप्त मजदूर नहीं मिलते। यहां अधिकतर मजदूर समीपस्थ राज्य राजस्थान में पलायन कर गए हैं। किसान उन्हें ठेका व दैनिक मजदूरी तय करके खेतों में फसल कटवाने के लिए ले जाते हैं। मजदूर नहीं मिलने के कारण सरसों काटने के काम में किसानों के परिवार भी जुटे हैं।खेत से शहर में आ रही माहू सरसों की फसल कटने के बाद ज्यों-ज्यों खाली होते जा रहे हैं। वैसे ही चेंपा कीट (माहू) सड़कों पर उड़ रही है। पिछले तीन-चार दिनों में तापमान में हो रही वृद्धि के साथ ही इनकी तादाद बढने लगी है। खासकर दुपहिया वाहन चालक माहू के हमले से अधिक परेशान है। ऐसे में दुर्घटनाएं होने की आशंका बनी रहती है।

