बाबा साहेब अंबेडकर जी के गुरू, महान विचारक, लेखक, सत्यशोधक समाज के संस्थापक, क्रांतिसूर्य राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले जी ने जीवनपर्यंत जाति-व्यवस्था की दमनकारी जंजीरों को तोड़ने, शिक्षा को सर्व सुलभ बनाने और माताओं – बहनों को सम्मान व अधिकार दिलाने के लिए जो संघर्ष किया, तथा सामाजिक अन्याय के विरुद्ध अपने विचारों की मशाल से जो नया रास्ता दिखाया — वह आज भी हमारे आंदोलन और सत्य की लड़ाई का प्रकाश स्तंभ है।
ऐसे महान मानवता वादी महापुरुष के परिनिर्वाण दिवस पर उनके बारे में तथाकथित ‘बाबा’ और घोषित पाखंडी आनंद स्वरूप द्वारा की गई अमर्यादित और मानसिक दिवालियापन दर्शाने वाली टिप्पणी न केवल अत्यंत निंदनीय है, बल्कि यह बहुजन समाज की सामूहिक अस्मिता, सम्मान और हमारे ऐतिहासिक संघर्षों का खुला अपमान है।यह बयान उनकी संकुचित मानसिकता, महिलाओं–बहुजनों के प्रति घृणा, और उनके अंदर बैठे महापुरुषों के प्रति भय, नफरत व जातिवादी विष का प्रमाण है। हम इसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।
इसी बीच जबलपुर में बहुजन कुशवाहा समाज के लोगों पर जातिवादी गुंडों द्वारा किया गया सुनियोजित हमला इस बात का गंभीर संकेत है कि जातंक व सामाजिक भेदभाव की आग को कुछ तत्व व्यवस्थित रूप से भड़काने में लगे हुए हैं।
यह हमला किसी एक समाज पर नहीं—बल्कि पूरे बहुजन समाज की एकता, अस्तित्व और गरिमा पर सीधा प्रहार है।
हम अपने कुशवाहा भाइयों के साथ एकजुट होकर खड़े हैं और @MP_MyGov से मांग करते हैं कि—
1. आनंद स्वरूप पर अविलंब कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए, ताकि समाज में नफरत और महापुरुषों के अपमान का जहर फैलाने वालों को स्पष्ट और कड़ा संदेश मिले।
2. जबलपुर हमले में शामिल सभी हमलावरों की तत्काल गिरफ्तारी की जाए तथा उन पर कठोर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर सख़्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
3. पीड़ित परिवारों को सरकारी सुरक्षा, पर्याप्त मुआवज़ा और त्वरित न्यायिक सहायता प्रदान की जाए।
4. प्रशासन ऐसे संगठित जातीय अपराधों पर कठोर नियंत्रण स्थापित करे और लापरवाह अधिकारियों की जवाबदेही तत्काल तय की जाए।
महात्मा फुले ने कहा था—“अन्याय के विरुद्ध खड़े होना ही सच्चा धर्म है।”
आज उनकी सीख पहले से अधिक प्रासंगिक है।
क्रांतिसूर्य राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले जिंदाबाद।
बहुजन एकता जिन्दाबाद

