“NEET में रैंक कम है? MBBS में एडमिशन नहीं मिल रहा? चिंता मत करो, हम आपकी सीट पक्की कराएंगे…”
इसी तरह के दावे करके दो ठगों ने लखनऊ समेत कई राज्यों के सैकड़ों स्टूडेंट्स को जाल में फंसाया और करीब 100 करोड़ रुपए हड़प लिए। लखनऊ पुलिस ने बुधवार को इस हाई-प्रोफाइल एडमिशन फ्रॉड का खुलासा करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
डेटिंग ऐप से शुरू होता था ठगी का नेटवर्क
गिरफ्तार आरोपियों में एक बीटेक पास, जबकि दूसरा केवल 12वीं पास है। दोनों युवक टैंगो नाम की डेटिंग ऐप पर सक्रिय रहते थे।
यहीं से वे लड़कियों के नंबर जुटाते, फिर उन्हें अपने गिरोह में शामिल कर टेली कॉलर बना देते थे। ये कॉलर मेडिकल एडमिशन के नाम पर छात्रों और उनके माता-पिता से संपर्क करती थीं।
ऑनलाइन कंपनियों से स्टूडेंट डेटा खरीदा जाता था
डीसीपी क्राइम कमलेश दीक्षित के अनुसार—
नीट में कम मेरिट वाले छात्रों को अच्छे मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन पाने की मुश्किल पता होते ही ये दोनों युवक ऑनलाइन साइबर कंपनियों से ऐसे छात्रों का डेटा खरीद लेते थे।
फिर फेसबुक, इंस्टाग्राम और अन्य सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए छात्रों को टारगेट करते थे।
ऑफिस खोलते, ठगी करते और राज्य बदल लेते
गिरोह बड़े स्तर पर काम कर रहा था। एक राज्य में ठगी का नेटवर्क तैयार किया जाता—
स्टूडेंट्स और उनके पैरेंट्स को ऑफिस बुलाया जाता
100% एडमिशन की गारंटी दी जाती
लाखों–करोड़ों की रकम एडवांस में ली जाती
इसके बाद जब शिकायतें बढ़ने लगतीं, तो वे ऑफिस बंद कर दूसरे राज्य में नया सेटअप बना लेते।
कठौता झील के पास से गिरफ़्तारी
पुलिस ने दोनों जालसाजों को लखनऊ के चिनहट स्थित कठौता झील के पास से पकड़ा।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान—
प्रेम प्रकाश विद्यार्थी उर्फ अभिनव शर्मा (35), निवासी औरंगाबाद, बिहार
संतोष कुमार (34), निवासी समस्तीपुर, बिहार
के रूप में हुई है।
बाराबंकी और सीतापुर मेडिकल कॉलेजों के नाम पर ठगी
दोनों युवकों ने बाराबंकी और सीतापुर के प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों में 100% एडमिशन का भरोसा दिलाकर छात्रों से भारी रकम वसूली।
यही शिकायतें दर्ज होने के बाद पुलिस की टीम ने जाल बिछाकर दोनों को गिरफ्तार किया।
पूछताछ में सामने आया कि गिरोह अब तक लगभग 100 करोड़ रुपए की ठगी कर चुका है।

