
*पहली बार दलाल विहीन बना थाना*
*पब्लिक सीधे करती कोतवाल से बात दलालों का नहीं चलता बहाना*!
म ऊ जनपद का सबसे बदनाम थाना मधुबन आज कल अपना रंग बदल दिया है।थाना परिसर मे दलालों का प्रवेश पूरी तरह से बन्द हो गया है!पब्लिक सीधे कोतवाल से अपनी बात कह पा रही है! जब की आज तक तो यही देखा गया था पहले दलाल को सेट करो फिर साहब से बात करो! वक्त का खेल है साहब सबकी अपनी सोच अपना व्यवहार होता है! कोई यहीं से माला माल होकर जाता है! कोई सर पकड़ कर रोता है!जो लोग बता रहे हैं वह आश्चर्य भी पैदा कर रहा है! पहले मुकदमा लिखाने में एड़ी-चोटी का पसीना बहाना पड़ता था! दलाल साहब से मन्नते करनी पड़ती थी! धनलक्ष्मी से मनमाफिक पूजन होता था! तब जाकर मुकदमा का कोरम पूरा होता था!मगर गजब का परिवर्तन हुआ दरखास्त पड़ी उधर दीवान साहब की मंजूरी के लिए हाजीर मुकदमा दर्ज खत्म हो गया दलाली का मर्ज !तत्कालीन कोतवाल संजय मिश्रा ने जिस तरह की व्यवस्था को स्थापित किया है वह चर्चा का भविष्य बन गया है।
थाने के मेन गेट पर सीओ का दफ्तर!सामने शानदार वर्दी मे रौबदार चेहरे के मालिक बैठे अफसर अभय सिह को देखकर दलाल थाने के भीतर जाने की हिम्मत नहीं जुटा पाते! सियासत की बाजार उखड़ गयी! न नेता दिखते हैं न थाने में दलाल! अब नहीं होती पब्लिक हलाल! है न कमाल!बिना खौफ लोग अपनी पीड़ा को सुना रहे हैं! जनपद के लोकप्रिय कप्तान की हनक गांव गांव चर्चा में है! जिसके मुख से सुनें तारीफ के कशीदे लोग पढ़ रहे हैं। न्याय के लिए दर दर भटकने वाले आज हर्षित है! म ऊ कप्तान की हनक वर्दी पर भी साफ दिख रही है! जिनकी पुख्ता शिकायत मिली उनको लाईन हाजिर होना है! निलम्बित होकर महीनो अपनी ग़लती पर रोना है।
बदल गया मधुबन का निजाम! धड़ल्ले से हो रहा है पब्लिक का काम!न कोई शिकायत न किसी प्रकार की वसूली न कोई मांग रहा है दाम!कल क्या होगा पता नहीं! लेकिन आज तो कोतवाल के नाम की शोहरत बुलन्दी पा रही है सीओ का रूतबा, कप्तान की दरियादिली चर्चा में है!