
अपोलो हॉस्पिटल के नाम से जंगबहादुर गंज में एक और नया खुला फर्जी गूगल झोला छाप अस्पताल।स्वास्थ्य विभाग की लचर कार्यवाही से नित नए कुकुरमुत्ते की भांति खुल रहे फर्जी गूगल क्लीनिक और अस्पताल।
जहां गूगल झोला छाप डॉक्टरों एवम अस्पतालो की खबरे अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद स्वास्थ्य विभाग एक दम कुंभकर्णी नींद से जाग कर एक दो अस्पतालो पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति कर फिर से सो जाता है वही क्षेत्र में नित नए नए कुकुरमुत्ते की भांति उग रहे गूगल झोला छाप डॉक्टर और अस्पताल खुल कर अपने पैर पसार रहे है।
जंगबहादुर गंज उचौलिया पसगवां आदि जगहों पर दर्जनों की संख्या में गूगल झोला छाप अस्पताल और क्लीनिक खुले है या फिर खुल रहे है।
इन झोला छाप अस्पतालो में एक और नया नाम जुड़ गया है अपोलो अस्पताल, कुछ दिन पूर्व जंगबहादुर गंज में टंडन धर्मकांटे के पास यह नया अस्पताल खोला गया है।
इन झोला छाप अस्प तालो में मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर हाईस्कूल और इंटर ही पास मिलेंगे।
इन गूगल झोला छाप डॉक्टरों को चिकित्सा विज्ञान का कखगहरा भी नही पता परंतु ये गूगल झोला छाप डॉक्टर गूगल बाबा के द्वारा दिखाए गए इलाज से गंभीर से गंभीर मर्ज का इलाज कर रहे है। ये गूगल डॉक्टर गूगल पर मर्ज का इलाज देखकर मरी जों का इलाज करते है।
इन गूगल झोला छाप डॉक्टरों के इलाज से कई मरीजों की मौत तक हो चुकी है।
यदि किसी मरीज की मौत हो ती है तो स्वास्थ्य विभाग कुछ देर के लिए कुंभकर्णी नींद से जागता है और एक आध गूगल झोला छाप डॉक्टरों पर दिखावा मात्र मॉल काटने भर कार्यवाही करता है और फिर गहरी नींद में सो जाता है।
स्वास्थ्य विभाग की खानापूर्ति मात्र भर की कार्यवाही से इन मौत के सौदागरों पर कोई फर्क नही पड़ता और बिना डर भय के इनका मौत का यह काला कारोबार दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की कर अप ने पैर पसार रहा है।
जंगबहादुर गंज उचौलिया पसगवां मैगलगंज आदि जगहों पर सैक ड़ो की संख्या में फर्जी गूगल झोला छाप क्ली निक,पालीक्ली निक, नर्सिंग होम, व अस्पताल खुले हुए है जहा मौ त के सौदागर बड़े बड़े बोर्डो पर बड़े बड़े डिग्री धारी डॉक्टरों के फर्जी नाम डलवा कर मौत रूपी ये कारखाने खोल रक्खे है। सूत्रों से जान कारी मिली है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी पसगवां डॉक्टर अश्वनी वर्मा को मौत के ये काले कारखाने चलाने वाले जल्लाद म हीने की मोटी रकम बतौर नजराना पहुचाते रहते है। यदि अखबारों की सुर्खियों में कोई गूगल झोला छाप अस्पताल या क्लीनिक आता है तो खाना पूर्ति मात्र कार्यवाही करके कुछ समय बाद उसे फिर खुलवा दिया जाता है। जहा सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इ न मौत के सौदागर गूगल झोला छाप डॉक्टरों पर कार्यवाही को ले कर सख्त है और इन झोला छाप डॉक्टरों को जेल में डालने की बा त कर रहे है वही पसगवां सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी एवम जिला स्वा स्थ्य विभाग की लचर कार्यवाही से यह मौत का काला कारोबार तेजी से पैर पसार रहा है। जब तक इन झोला छाप गूगल डॉक्टरों पर सख्त रासुका जैसी कार्यवाही नही होगी तब तक शायद मौत का यह काला कारोबार नही रुकने वाला है। अब देखना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉक्टर अश्वनी वर्मा एवम जिला स्वास्थ्य विभाग खीरी अपोलो अस्पताल सहित क्षेत्र में खुले इन गूगल झोला छाप डॉक्टरों अस्पतालो पर सघन अभियान चलाकर कठोर कार्यवाही करेगा या फिर किसी गांव के भोले भाले गरीब मरीज की मौत अखबारों की सुर्खियां बनने के बाद कुंभकर्णी नींद से जागेगा।