
प्राइवेट स्कूल संचालक के खिलाफ बच्चो ने समस्या लेकर पहुंचे जिलाधिकारी कार्यालय
महराजगंज ——————
जनपद के समस्त प्राइवेट स्कूल संचालकों को जिलाधिकारी ने किताबों, यूनिफार्म के नाम पर जबरदस्ती करने से रोकने के सख्त निर्देश दिए हैं। बावजूद इसके निचलौल के बाद अब सिसवा में ऐसा ही एक मामला सामने आया है।
मिली जानकारी के अनुसार सिसवा बाजार के बच्चे गुरूवार को कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी के समक्ष पहुंचे।
बच्चों को देखकर डीएम ने जब इनकी समस्या सुनी तो उनके गुस्से का ठिकाना नहीं रहा।
उन्होंने बीएसए और जिला विद्यालय निरीक्षक को मामले को संज्ञान में लेते हुए इस अक्षम्य अपराध की शिकायतें दोबारा न आने के निर्देश दिए हैं।
सिसवा बाजार के लक्ष्मीपुर एकडंगा निवासी अभिभावक निर्मल चौरसिया पुत्र श्रीराम औतार चौरसिया ने जिलाधिकारी को एक शिकायती पत्र सौंपा।
शिकायत के क्रम में कहा कि मेरा बेटा पृथ्वीराज व बेटी अनुष्का ज्ञानदीप पब्लिक स्कूल सरस्वती नगर बडहरा महंथ में पढ़ते हैं।
सहज जन सेवा केंद्र के द्वारा मनमाने रूपए की किताबों को खरीदने का दवाब बनाया जा रहा था।
जब इसकी शिकायत मैंने अधिकारियों से की तो विद्यालय संचालक द्वारा मेरे दोनों बच्चों का नाम काट दिया गया।
अब उनकी टीसी भी नहीं दे रहे हैं।
इसको लेकर अब बच्चे अन्य स्कूल में दाखिला नहीं ले पा रहे हैं।
इससे बच्चों का भविष्य अधर में है।
अभिभावक निर्मल चौरसिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि स्कूल की मान्यता कक्षा पांच तक की है और संचालन कक्षा आठ तक किया जा रहा है।
खेल मैदान, कमरों में पंखा, शौचालय, पेयजल की भी सुविधा नहीं है।
किताबों पर निर्धारित शुल्क पर स्टीकर चिपकाकर मनमाना रेट लिखकर बच्चों के अभिभावकों पर अतिरिक्त भार डाला जा रहा है।
महंगी यूनिफार्म भी लेने को विवश किया जा रहा है।
शिकायत करने पर विद्यालय के जिम्मेदार अपशब्दों पर उतर आते हैं।
ऐसे में मध्यमवर्गीय व गरीब अभिभावक आखिर जाएं तो कहां जाएं।
उन्होंने डीएम से पूरे प्रकरण की जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।