
कौन है वो बाबा,
जिसके सत्संग के दौरान हुआ दर्दनाक हादसा;
सरकारी नौकरी छोड़कर बना कथावाचक;
हादसे के बाद से फरार
हाथरस में सत्संग के दौरान हुए दर्दनाक हादसे के बाद यह सवाल हर किसी के जहन में है कि आखिर वह बाबा कौन है कि जिसके कार्यक्रम में इतने बड़े पैमाने में लोग जुटे और हादसे के शिकार हो गए। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह सत्संग कार्यक्रम साकार विश्व हरि भोले बाबा का हो रहा था, अनुयायी इन्हें भोले बाबा के नाम से पुकारते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, हादसे के बाद से बाबा की कोई जानकारी नहीं मिल रही है।
तैनाती के दौरान सत्संग शुरू किया। कुछ समय बाद नौकरी से त्यागपत्र देकर सूरज पाल साकार विश्व हरि भोले बाबा बन गए। पटियाली में अपना आश्रम बनाया। गरीब और वंचित समाज में तेजी से प्रभाव बनाने वाले भोले बाबा के अनुयायियों की संख्या लाखों में है।
हाथरस हादसा:
बाबा के पांव छूने की होड़ ने लगा दिया मौत का अंबार, लाश देखकर दहल गए दिल; हादसे के तीन अहम कारण
भक्ति कहें या अंधभक्ति। पांव छूने की होड़ ने मौत का प्रहसन रच डाला। एक तरफ बाबा के पांव छू लेने की होड़ थी, दूसरी तरफ सेवादारों की बंदिशें। लोग उनकी बंदिशें तोड़कर भागे और मौत की सरहद में जा धंसे। कोई धक्के से गिरा तो कोई फिसलकर। किसी का सीना कुचला तो किसी का सिर। उमस पहले से सांसों पर भारी थी। अस्पतालों में भर्ती लोगों से जब बात की गई तो उनका कहना था कि भीड़ के बीच सांस लेना तक मुश्किल हो रहा था। इसी दौरान भगदड़ मच गई।
लोग मरते गए बाबा के कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे
भगदड़ के दौरान लोग मरते रहे और बाबा के कारिंदे गाड़ियों से भागते रहे। किसी ने भी रुककर हालात को जानने की कोशिश नहीं की। बताया जा रहा है कि यहां से बाबा का काफिला एटा की तरफ रवाना हु्आ था। बाबा के काफिले में 10 लग्जरी गाड़ियां थीं। उनका सुरक्षा दस्ता भी तीन गाड़ियों में था। घटना के बाद जब आयोजकों ने उन्हें फोन करने की कोशिश की तो किसी का भी फोन रिसीव नहीं हुआ। बाद में तो खुद बाबा का मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया था। जब बाबा का फोन स्विच ऑफ हुआ तो जो स्थानीय लोग आयोजन से जुड़े हुए थे वह भी मौका देखकर भाग निकले।