
बुलंद शहर को कई दस्तावेजों में आज भी बरन ही लिखा जाता है। ये महाराजा अहिबरन जो पूरे भारत में फैले बरनवाल समुदाय के आदिपुरुष हैं, की राजधानी थी। आज भी उनका किला ऊपर कोट, बुलंदशहर में स्थित है। शहर में बरन टावर भी स्थित है। मुसलमान हमलावरों और उनके जबरदस्ती धर्म परिवर्तन के कारण अधिकतर बरनवालों को अपना शहर छोड़ कर पूर्व की ओर जाना पड़ा और वो गोरखपुर, देवरिया, मिर्जापुर, सुल्तानपुर, और बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश के इलाकों में बसे। इसके बावजूद कई बरनवालों ने बुलंदशहर और उसके आस पास के इलाकों में अपनी स्थिति बनाए रखी और आज भी पुश्तैनी व्यवसाय में अपना नाम बना रहे हैं। मुसलमान बन गए बरनवालों ने अपना उपनाम बरनी कर लिया। बरनवालों के पास बुलंदशहर के कानूनगो की जिम्मेदारी आज से कुछ दशक पहले तक थी।
आज बरनवाल समुदाय देश के हरेक हिस्से में मौजूद है और सरकारी सेवाओं, शिक्षा, व्यापार, तकनीकी क्षेत्र में अपनी मजबूर स्थिति बनाए हुए है। समय है की बरनवाल समुदाय को भी उसके अपने इतिहास पर न्याय मिले और उनके पूर्वज भूमि को फिर से वही नाम मिले जो उसका वास्तविक नाम है।
हम माननीय प्रधानमंत्री मोदी, माननीय गृहमंत्री श्री अमित शाह, माननीय मुख्यमंत्री महाराज योगी जी से आग्रह करते हैं की हमें हमारा गौरव वापस करने की कृपा करें, हमें हमारा “बरन” वापस करें, बुलंद शहर का नाम वापस “बरन” करें।
धन्यवाद।
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