बिहार की जनता ने कांग्रेसी एवं देशद्रोही दलाल नेहा सिंह राठौड़ को बता दिया कि “बिहार में का बा” … अब यूपी पुलिस बताएगी की “यूपी में का बा” … जल्द ही हो सकती है गिरफ्तारी #mudda_world
कांग्रेसी दलाल एवं देशद्रोही नेहा सिंह राठौर के बारे में मैंने पहले ही कहा था कि बिहार चुनाव के बाद इसके ऊपर गिरफ्तारी के तलवार लटकती हुयी नजर आएगी …. वही होता हुआ दिख भी रहा है।
नेहा सिंह राठौड़ की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सोशल मीडिया पर किए गए उनके भड़काऊ पोस्ट मामले में कार्रवाई तेज हो गई है। दो नोटिस जारी होने और हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद नेहा सिंह राठौर के बयान दर्ज न कराने पर अब पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
नेहा सिंह राठौर ने गिरफ्तारी की आशंका को देखते हुए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी। इसके बावजूद उन्होंने पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज नहीं कराया। हजरतगंज पुलिस के मुताबिक, नेहा सिंह राठौर की गिरफ्तारी के लिए दो टीमें गठित की गई हैं, जो लगातार दबिश दे रही हैं।
दरअसल पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले में 26 भारतीय नागरिकों की मौत हो गई थी। इसके बाद नेहा ने अपने एक्स अकाउंट से कई विवादित और भड़काऊ पोस्ट किए थे। इसके चलते हजरतगंज थाने में उनके खिलाफ 27 अप्रैल को मुकदमा दर्ज कराया गया था।
जांच में यह सामने आया कि नेहा सिंह राठौर के विवादित पोस्ट को पाकिस्तान में भारत के खिलाफ प्रचार के तौर पर इस्तेमाल किया गया था। पुलिस ने सभी डिजिटल साक्ष्यों को एक पेन ड्राइव में इकट्ठा कर विधि विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) भेजा था, जहां रिपोर्ट में पोस्ट और वीडियो की प्रामाणिकता की पुष्टि हुई है। किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं पाई गई है।
लखनऊ की हजरतगंज पुलिस ने नेहा सिंह राठौड़ के अंबेडकरनगर स्थित हीडी पकड़िया गांव में नोटिस भेजा था। हाईकोर्ट ने भी उसे पुलिस के सामने पेश होने का आदेश दिया था, लेकिन नेहा सिंह ने बीमारी का हवाला देकर बयान दर्ज कराने से परहेज किया था। हाईकोर्ट ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
जमानत याचिका खारिज होने पर लखनऊ पुलिस ने नेहा सिंह राठौर की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीमों को सक्रिय कर दिया है। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के अनुसार, टीमें अलग-अलग स्थानों पर उनकी तलाश कर रही हैं।
नेहा सिंह राठौर के खिलाफ कुर्सी रोड स्थित वुडलैंड पैराडाइज अपार्टमेंट निवासी अभय प्रताप सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। साथ ही रानीगंज निवासी सौरव, दुर्विजयगंज निवासी हिमांशु वर्मा और दुगांवा निवासी अर्जुन गुप्ता ने भी तहरीर दी थी। पुलिस जांच के दौरान इन तहरीरों को भी एफआईआर में शामिल कर लिया गया था।
आपको बता दें कि नेहा सिंह राठौड़ के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज थाने में बीएनएस की धारा 196(1)(a), 196(1)(b), 197(1)(a), 197(1)(b), 197 (1)(c), 197 (1) (d), 353 (1) (c), 353 (2), 302, 152 एवं सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 69 (ए) के तहत मामला दर्ज कराया गया है …. ये सभी धाराएं गैर जमानती हैं यानि कोर्ट ही इन धाराओं के तहत जमानत दे सकता है।
लेकिन BNS की धारा 152 एवं सूचना प्रौद्योगिकी (संशोधन) अधिनियम 2008 की धारा 69 (ए) में सात साल की कैद और जुर्माने का प्रावधान है. BNSS की धारा 152 देशद्रोह के मामले को इंगित कर रहा है।
आपको बता दें कि गाजियाबाद जिला के लोनी थाने में लोनी के विधायक के द्वारा भी नेहा सिंह राठौड़ के द्वारा कृत देशद्रोह मामले में मुकदमा दर्ज कराया हुआ है। तो संभव है कि नेहा सिंह राठौड़ को उक्त मुक़दमे में भी भागम-भाग करनी पड़े, संभव है कि लोनी पुलिस भी इसे अपने कस्टडी में लेकर पूछताछ शुरू करे।
सही बात है भाई …. Karma Returns …. जईसन बोवोगे, ओही त काटोगे …. कांग्रेस के तरफ से दिहाड़ी पाकर नेहा सिंह राठौड़ कुछ ऐसा उछलने लगी थी, जैसे एक समय ट्वीटर पर कांग्रेस दलाल रौशनी कुशल जायसवाल कूदती थी। लेकिन एक दिन मारपीट के मामले में ऐसा फंसीं कि कानून ने पुराना हिसाब-किताब बरोबर कर लिया। अब रौशनी सोशल मिडिया पर दिखती ही नहीं … गायब हो गयी … मतलब कानून ने औकात दिखा दिया।

