बिना तलाक दूसरी शादी रचाने पहुँचा विनय, नाम बदलकर किया धोखा
– गुजरात की रेशमा बोलीं, “पैकोलिया पुलिस की मिलीभगत से बचाया गया आरोपी”
बस्ती/अंकलेश्वर। गुजरात के अंकलेश्वर शहर की रहने वाली रेशमा ने उत्तर प्रदेश बस्ती जनपद के रघुनाथपुर थाना क्षेत्र वाल्टरगंज निवासी विनय शर्मा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने बिना तलाक लिए दूसरी शादी करने का प्रयास किया। रेशमा का दावा है कि 17 नवंबर को विनय पिरैला गांव की चाँदनी शर्मा (पुत्री—सुभाष चन्द्र शर्मा) से शादी रचाने जा रहा था, जबकि वह अभी तक विनय की कानूनी पत्नी है। रेशमा के इस आरोप ने पूरे मामले को बड़ा मोड़ दे दिया है।
रेशमा ने बताया कि विनय ने न सिर्फ दूसरी शादी की कोशिश की, बल्कि अपनी पहचान छुपाने के लिए शादी के कार्ड में नाम भी बदल दिया। उसके आधार कार्ड पर नाम “विनय पुत्र अंगद शर्मा” दर्ज है, मगर चाँदनी के लिए छपवाए गए विवाह आमंत्रण पत्र में वह अपना नाम “लवकुश शर्मा पुत्र अंगद शर्मा” लिखवा रहा था। रेशमा के अनुसार यह सिर्फ नाम बदलना नहीं, बल्कि स्पष्ट धोखाधड़ी है, जिसके जरिए दो महिलाओं के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा था।
मीडिया के सामने भावुक होते हुए रेशमा ने कहा कि उसने विनय से तीन साल पहले विधि सम्मत विवाह किया था। दोनों गुजरात में साथ रहते थे। इस दौरान कई कार्यक्रमों, समारोहों और यात्राओं में दोनों साथ गए, जिसकी तस्वीरें और वीडियो भी रेशमा के पास मौजूद हैं।
रेशमा ने कहा मैंने कभी तलाक की मांग नहीं की। न ही मैं अलग होना चाहती हूँ। उल्टा विनय ही तलाक चाहता है। मैं आज भी उसके साथ रहने को तैयार हूँ।”
रेशमा ने यह भी बताया कि वह अचानक विवाह स्थल पर पहुँची, क्योंकि उसे सूचना मिली थी कि विनय उसकी गैरमौजूदगी में चुपचाप दूसरी शादी कर रहा है। जब वह वहां पहुँची, तो शादी की तैयारियां जोरों पर थीं। उसी समय उसने विनय और उसके परिवार के सामने यह कहकर आपत्ति जताई कि वह अभी तक पति-पत्नी हैं और जब तक अदालत तलाक नहीं देती, विनय दूसरी शादी नहीं कर सकता।
विनय ने अपने बचाव में यह आरोप लगाया कि रेशमा उससे 25 लाख रुपये की मांग कर रही थी। लेकिन रेशमा ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ झूठी कहानी बनाकर खुद को बचाने की कोशिश की जा रही है। न मैंने कभी पैसे की मांग की, न किसी तरह का दबाव बनाया। अगर मैं पैसे चाहती तो गुजरात से यहां तक क्यों आती? मैं तो बस अपना हक और सम्मान चाहती हूँ।”
रेशमा ने बताया कि विनय उसके पहनावे और सोशल मीडिया गतिविधियों का सहारा लेकर उसे बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। मैं शॉर्ट्स पहनती हूँ, इसलिए मेरे चरित्र पर शक है। क्या कपड़े किसी का चरित्र तय करते हैं? जब उसने मुझसे शादी की थी, तब भी उन्हीं फोटो और वीडियो को देखकर पसंद किया था। अब वही सब उसके लिए गलत हो गया?”
रेशमा ने यह भी स्वीकार किया कि वह सोशल मीडिया पर रीलें बनाती हैं, लेकिन यह कोई अपराध नहीं। “सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना हर लड़की का व्यक्तिगत अधिकार है। इससे कोई भी महिला गलत नहीं हो जाती।
सबसे गंभीर आरोप रेशमा ने पैकोलिया पुलिस पर लगाया है।
रेशमा का दावा है कि यदि पुलिस की मिलीभगत न होती तो विनय के खिलाफ उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर उसी दिन मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी कर ली जाती। लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करने के बजाय हमें ही डराने की कोशिश की। हमें चुप रहने का दबाव बनाया गया।”
रेशमा ने कहा कि वह अकेली महिला होकर भी न्याय के लिए संघर्ष कर रही हैं, लेकिन पुलिस की इस भूमिका ने उन्हें और परेशान कर दिया है।
17 नवंबर को जब रेशमा विवाह स्थल पर पहुँचीं, तो वहां हंगामा मच गया। उन्होंने जैसे ही बताया कि वह विनय की पहली पत्नी हैं, अचानक वहां मौजूद लोग चौंक गए। कुछ ही मिनटों में ग्रामीण और मीडिया टीम भी मौके पर पहुंच गए।
स्थिति बिगड़ने पर शादी की प्रक्रिया रोक दी गई।
रेशमा ने मांग की है कि विनय पर धोखाधड़ी, पहचान छुपाकर शादी का प्रयास, पति-पत्नी संबंधों को छुपाकर दूसरी शादी करने जैसे गंभीर अपराधों में मुकदमा दर्ज हो साथ ही पैकोलिया पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच की जाए।

