*_चित्तूर मेयर दंपती हत्याकांड: अदालत ने पांच दोषियों को मौत की सजा सुनाई_*
चित्तूर: आंध्र प्रदेश में चित्तूर मेयर दंपती हत्याकांड मामले में अदालत ने पांच दोषियों को मौत की सजा सुनाई है. लगभग दस साल पहले, 17 नवंबर, 2015 को चित्तूर की तत्कालीन मेयर कटारी अनुराधा और उनके पति मोहन की हत्या कर दी गई थी. यह घटना नगर निगम कार्यालय में ही हुई थी.
मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था
छठे अतिरिक्त जिला सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एन श्रीनिवास राव ने हाल ही में फैसला सुनाया कि इस मामले में पांच आरोपी शामिल थे. आज हुई सुनवाई में उन पांच दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई. शुरु में, इस मामले में 23 लोगों को आरोपी बनाया गया था. मामले में आरोपी कसाराम रमेश ने एक याचिका दायर कर कहा था कि वह इस मामले में शामिल नहीं है. उसके बाद अदालत ने उसका नाम बाहर करने का आदेश जारी किया.
अब इस मामले की जांच के दौरान आरोपी एस श्रीनिवासचारी की मृत्यु हो गई. इसके साथ ही, अब कुल 21 आरोपी हैं. इसमें मेयर पति मोहन के भतीजे श्रीराम चंद्रशेखर उर्फ चिंटू, गोविंदा स्वामी श्रीनिवासैया वेंकटचलपति उर्फ वेंकटेश, जयप्रकाश रेड्डी उर्फ जयरेड्डी , मंजूनाथ उर्फ मंजू और मुनिरत्नम वेंकटेश को दोषी पाया गया.
दंपती की हत्या कर दी गई
चिंटू, टीडीपी जिला उपाध्यक्ष कटारी मोहन का भतीजा है. खबर के मुताबिक, पीड़ित दंपती और उसके बीच व्यक्तिगत, आर्थिक और राजनीतिक मतभेद पैदा हो गए थे. इसी कारण, चिंटू ने महापौर अनुराधा और अपने चाचा मोहन को खत्म करने का फैसला किया.
17 नवंबर 2015 को मेयर दंपती की दर्दनाक हत्या हुई
17 नवंबर, 2015 को, चिंटू और उसके चार अन्य साथी बुर्का पहनकर और बंदूकें व चाकू लेकर चित्तूर नगर निगम कार्यालय में घुस गए. चिंटू और कुछ अन्य लोगों ने कटारी अनुराधा पर गोलियां चलाईं. वहीं बगल के कमरे में मौजूद कटारी मोहन की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी गई. गंभीर हालत में मोहन की उसी दिन वेल्लोर सीएमसी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई.
उस समय हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया गया था जब मंजूनाथ ने वेलुरी सतीश कुमार नायडू की हत्या करने की कोशिश की थी, जो महापौर और उनकी पत्नी की हत्या के समय वहीं मौजूद थे. इस मामले में भी अपराध सिद्ध हो गया था. पुलिस ने बाकी 16 लोगों पर हत्यारों को हथियार, आश्रय और आर्थिक मदद मुहैया कराने का आरोप लगाया था, लेकिन जांच में यह साबित नहीं हुआ. नतीजतन, उन्हें निर्दोष घोषित कर दिया गया.इस मामले में, जिसका फैसला दस साल की सजा के बाद आया, 352 स्थगन लगाए गए. 130 गवाहों से पूछताछ की गई. आरोपी जयप्रकाश रेड्डी और मंजूनाथ गिरफ्तारी के बाद से जेल में हैं. मौत की सजा पर मुहर लगने के बाद, दोषियों को मेडिकल जांच के बाद कडप्पा जेल भेजा जाएगा.

