
*संभल हिंसा का मास्टरमाइंड शाठा को भारत लाने की तैयारी में पुलिस,मुल्ला अफरोज पर लगी रासुका*
संभल…….
उत्तर प्रदेश के संभल में हिंसा मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है।
हिंसा का मास्टरमाइंड शारिक साठा गैंग के सदस्य मुल्ला अफरोज पर रासुका लागू किए जाने के बाद अब शारिक साठा और अन्य आरोपियों के खिलाफ भी इसी तरह की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है।शारिक साठा के अंतरराष्ट्रीय ठिकानों का पता लगाने के लिए विभिन्न एजेंसियों की मदद ली जा रही है और उसे इंटरपोल के माध्यम से भारत लाने की कोशिश की जा रही है।
*जानें एसपी ने क्या बताया*
एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि मुरादाबाद जेल में बंद मुल्ला अफरोज को रासुका के तहत छह महीने के लिए निरूद्ध किया गया है।
इसे अधिकतम 12 माह तक बढ़ाया जा सकता है।
एसपी ने बताया कि मुल्ला अफरोज पर लूट,हत्या के प्रयास और अन्य आपराधिक मामलों के अलावा वर्ष 2014-15 में सपा विधायक इकबाल महमूद के आवास पर फायरिंग करने का भी आरोप है।
कुल मिलाकर उसके खिलाफ 11 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।
*जानें पुलिस ने क्या कहा*
पुलिस का कहना है कि उन लोगों के खिलाफ भी रासुका की कार्रवाई की जाएगा,जिन्होंने गोलियों और असलहों का प्रयोग कर देशभर में हिंसा फैलाने की साजिश रची।
शारिक साठा वर्तमान में विदेश में है और उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने व्यापक प्रयास शुरू कर दिए हैं।
विभिन्न ऐप और डिजिटल माध्यमों से अपने गुर्गों से संपर्क करने वाले शारिक साठा के डेटा की भी जांच की जा रही है।
*शाठा ने मुल्ला अफरोज के जरिए रची थी हिंसा की साजिश*
संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के पीछे एक गहरी और खतरनाक साजिश सामने आई है।
जांच में खुलासा हुआ है कि इस पूरी घटना का मास्टरमाइंड शारिक साठा था।
शाठा ने अपने गुर्गों मुल्ला अफरोज और गुलाम के जरिए हिंसा फैलाने की साजिश रची थी।
शाठा ने अपने गुर्गो को पहले से ही हथियार मुहैया कराए थे और हिंसा को इस स्तर तक पहुंचाने की योजना थी कि 10-20 लोग और पुलिसकर्मी मारे जाएं, जिससे पूरे देश में बवाल मच जाए।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह कोई सामान्य झड़प नहीं,बल्कि पूर्व नियोजित साजिश थी,
जिसका मकसद सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना और कानून-व्यवस्था को चुनौती देना था।
*साठा के विदेशी कनेक्शन को भी खंगाल रही पुलिस*
संभल पुलिस विभिन्न खुफिया एजेंसियों के साथ मिलकर शारिक साठा के विदेशी कनेक्शन खंगाल रही है।
यह देखा जा रहा है कि हिंसा से पहले और बाद में शाठा किन-किन लोगों के संपर्क में था।
साथ ही जिन ऐप्स के माध्यम से शाठा अपने सहयोगियों से बात करता था,
उनकी जानकारी जुटाई जा रही है।
पुलिस का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग और डिजिटल जांच के सहारे उसे भारत लाने में सफलता मिलने की संभावना है।